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Chennai ‘Breaking Bad’: चेन्नई में ‘ब्रेकिंग बैड’ की असली कहानी, ड्रग्स सिंडिकेट का खुलासा, गोल्ड मेडलिस्ट समेत 7 छात्र गिरफ्तार

Chennai ‘Breaking Bad’: चेन्नई से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है जिसमें लोकप्रिय टीवी सीरीज ‘ब्रेकिंग बैड’ की कहानी सच होती दिखाई दी। यह मामला चेन्नई के उन आठ छात्रों का है जिन्होंने मेथामफेटामिन नामक मादक पदार्थ बनाने और बेचने के लिए एक सिंडिकेट शुरू किया। पुलिस ने इस गिरोह का पर्दाफाश किया है और अब यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।

क्या है पूरा मामला?

इस मामले में चेन्नई पुलिस ने एक ड्रग्स सिंडिकेट का खुलासा किया है। यह समूह प्रतिबंधित और नशीले पदार्थ मेथामफेटामिन का निर्माण कर उसे बाजार में सप्लाई कर रहा था। मेथामफेटामिन एक अत्यधिक नशे वाला और खतरनाक ड्रग है। पुलिस ने गिरोह की कार्रवाई का पर्दाफाश करते हुए सात लोगों को गिरफ्तार किया है।

कैसे काम करता था यह सिंडिकेट?

इस गिरोह का मुखिया खुद एक केमिस्ट्री का छात्र रहा है, जिसने अपने साथ इंजीनियरिंग के कई छात्रों को जोड़ लिया। ये छात्र न केवल केमिस्ट्री के जानकार थे बल्कि उन्होंने एक गुप्त लैब भी बना रखी थी। लैब में अवैध ड्रग का निर्माण किया जाता था और इस गिरोह ने इसे बेचने के लिए एक पूरे तंत्र का निर्माण किया था।

गिरफ्तार किए गए आरोपी

पुलिस ने इस गिरोह में कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें पाँच इंजीनियरिंग स्नातक और एक केमिस्ट्री का स्नातकोत्तर छात्र शामिल है। बताया जा रहा है कि गिरोह के मुखिया ने सोने का पदक भी जीता हुआ है और अपने ज्ञान का दुरुपयोग करते हुए नशे का कारोबार शुरू किया।

कैसे चला ऑपरेशन?

गिरोह ने शुरुआत में अरुण कुमार नामक व्यक्ति से थोड़ी मात्रा में मेथामफेटामिन हासिल की थी, जिस पर पहले से हमला का मामला दर्ज है। बाद में इस समूह ने खुद इस ड्रग का निर्माण करने का विचार किया और केमिस्ट्री के छात्रों को इसमें शामिल किया। फिर उन्होंने इसे बनाने के लिए आवश्यक रसायनों को खरीद लिया और नशे के इस खेल में उतर आए।

Chennai 'Breaking Bad': चेन्नई में 'ब्रेकिंग बैड' की असली कहानी, ड्रग्स सिंडिकेट का खुलासा, गोल्ड मेडलिस्ट समेत 7 छात्र गिरफ्तार

माता-पिता को दिया झूठ

गिरफ्तार आरोपियों में से एक ने अपने माता-पिता से झूठ बोलकर पैसे लिए कि वह एक कैफे खोल रहा है। उसके माता-पिता ने उसे पैसे उधार दिए, यह सोचकर कि वह एक व्यवसाय शुरू कर रहा है। परंतु, उस पैसे का इस्तेमाल नशे के कारोबार में किया गया।

पुलिस की छापेमारी और बरामदगी

पुलिस ने इस गिरोह की प्रयोगशाला पर छापा मारा और वहां से 245 ग्राम मेथामफेटामिन, 2 लैपटॉप और 7 मोबाइल फोन जब्त किए। यह छापेमारी गिरोह की गतिविधियों को रोकने के लिए थी और पुलिस ने नशे के इस नेटवर्क को पकड़ने में बड़ी सफलता पाई।

नशे के खिलाफ मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का संदेश

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने नशे के विरुद्ध चल रहे अभियान के तहत युवाओं से नशे से दूर रहने का आग्रह किया है। उन्होंने इस घटना को समाज के लिए चेतावनी के रूप में बताया और युवाओं से नशे की चंगुल से दूर रहने का संदेश दिया।

गिरफ्तारी के बाद भविष्य की कार्रवाई

इस मामले में चेन्नई पुलिस ने सात छात्रों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि अरुण कुमार और कार्तिक नामक दो अन्य व्यक्तियों की तलाश जारी है, जो भी इस ड्रग कारोबार में शामिल बताए जा रहे हैं। पुलिस का कहना है कि इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है ताकि इस सिंडिकेट के अन्य सदस्यों का भी पता लगाया जा सके।

इस घटना ने समाज में बढ़ते नशे के कारोबार और युवाओं में इसके बढ़ते प्रभाव पर एक गंभीर सवाल खड़ा किया है। नशे की दुनिया में शामिल होने से पहले युवाओं को इसके दुष्परिणामों को समझना और इससे बचना चाहिए। चेन्नई में घटी इस घटना से साफ होता है कि नशे के कारोबार में आज का शिक्षित युवा भी फंसता जा रहा है और यह एक चिंता का विषय है।

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